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Wednesday, July 21, 2021

Jago! ; जागो!; Hindi Short Story; हिंदी कहानी

 Jago! ; जागो!

Hindi Short Story; हिंदी कहानी 










Monday, March 15, 2021

Sagon Ka Ped; सागौन का पेड़; ساگون کا پیڑ ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

Sagon Ka Ped; सागौन का पेड़; ساگون کا پیڑ 
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

सागौन का पेड़ 

कप्तान जसवंत सिंह के यूनिट स्टोर में राशन और दुसरी वस्तओं में विसंगति पाई गयी। इसलिए फार्मेशन ने जाँच पड़ताल का आदेश जारी किया। तकनीकी मामलों में वह मेरे अधीन था परन्तु प्रशासनिक मामले और अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यू ब्रांच के हिस्से में आती थी और उस में मेरा कोई रोल नहीं था। फिर भी न जाने क्यों उससे यक़ीन था कि मैं उस को बचा सकूंगा। उस ने कई बार मेरे घर के चक्कर लगाए और बचाव का रास्ता निकालने के लिए मिन्नत समाजत की। मुझे उसके चार बच्चों की हालत देखकर उस पर तरस आया। इसलिए जितना हो सका उसकी मदद की। अंततः वह आरोपों से बरी हो गया मगर सावधानी के तौर पर फार्मेशन ने उसको वहां से ट्रांसफर करवा  दिया। 
जाने से पहले मैं और मेरी बीवी उसको अलविदा कहने  के लिए उसके घर चले गए। वहां उस का सामान पैक हो रहा था जिसमें एक नया सागौन का सोफ़ा ध्यान आकर्षित कर रहा था। 
दुसरे दिन ऑफिस में पता चला कि जसवंत सिंह ने यूनिट के दो सागौन पेड़ कटवा कर उनका फर्नीचर बनवाया था। यह सुनकर मुझे अपने आप से घृणा  होने लगी कि मैं ने ऐसे आदमी को क्यों बचा लिया। मुझे बार बार कवी 'सौदा' का निम्नलिखित शेर याद आ रहा था। 
          "होगी कब तक बच्चा ख़बरदारी        चोर जाते रहे की अंधियारी" 


 

Parda Fash;पर्दा फाश;پردہ فاش ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

 Parda Fash;पर्दा फाश;پردہ فاش 

Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

पर्दा फाश 

आधी रात को जूंही मैंने करवट बदल ली उसकी आवाज़ मेरे कानों से टकराई। वह नींद में बड़बड़ा रही थी। "नहीं, नहीं मुझे छूना नहीं। तुम मेरे लिए मर चुके हो। मुझे हाथ मत लगाना।" शायद कोई स्वप्न देख रही थी। 
मेरी हैरानी की हद न रही। ऐसी गहरी नींद में वह किस को छूने से मना कर रही थी? दिल में कई आशंकाओं ने सिर उभारा है। अवश्य कोई पुराना मित्र होगा जो उसको ख्वाब में छूने की कोशिश कर रहा था। मेरी नींद तो ख़ैर हराम हो ही गयी लेकिन रात भर यह गुथी सुलझ न पायी।  बार बार एक ही सवाल मन में उठ रहा था कि वह कौन था जिस को वह रोक रही थी?
दुसरे दिन उसका चेहरा मुरझाया सा नज़र आ रहा था।  मैं भी रात की घटना के कारण कुछ खिचा-खिचा सा रहा। फिर शाम को जब दफ्तर से लौट आया तो उससे रहा न गया। 
"कल दोपहर के वक़्त मैं टेलर के पास गयी थी। होटल प्लाजा के सामने आपकी कार खड़ी देखी। सोचा कि आपके साथ ही घर चली जाऊँ गी। अंदर झाँका तो आप किसी औरत के साथ मज़े से लंच कर रहे थे। परेशान होकर मैं अकेली ही वापस चली आयी। सारी रात डरावने ख्वाब देखती रही। मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि आप ऐसे बेवफा निकलें गे?" उस के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। 

     

Thursday, March 11, 2021

Secularism; सेकुलरिज्म; سیکولر ازم ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

Secularism; सेकुलरिज्म; سیکولر ازم 
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

सेकुलरिज्म  

सेकुलरिज्म का अर्थ समझाते हुए पिता जी ने अपने बेटे से कहा, "बेटे, सेकुलरिज्म का अर्थ  होता है हर धर्म का समान आदर करना। हमारा देश एक महान सेक्युलर देश है।
बेटे को यह बात हज़म नहीं हुई। बोला, "यह कैसे संभव हो सकता है? हर  धर्म के साथ एक जैसा बर्ताव करना मुमकिन नहीं। पापा, देश के नेता जब बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्धाटन करते हैं वहां हिन्दू रीति रिवाज से पूजा होती है और नारियल फोड़े जाते हैं।  गाँधी जी अपनी हर सभा का आरंभ राम धुन  से करते थे। किसी दुसरे धर्म  के पाठ  से क्यों नहीं ? क्या इस तरह दुसरे धर्मों की अनदेखी नहीं होती है? बेहतर यह होगा कि धर्म और सरकार को एक दुसरे से अलग रखा जाये। दोनों का अंतमिश्रण देश के लिए लाभदायक नहीं है।"
"यह तो कोई बात नहीं रही, जब दिल में इज़्ज़त हो तो इन चीज़ों से कुछ नहीं होता।"
"पापा ऐसा मुमकिन ही नहीं। सरकार के साथ इंसान का रिश्ता समाजी और आर्थिक होता है जबकि धर्म  इंसान का निजी मामला है जो उस  का  आध्यात्मिक मार्गदर्शन करता है। दोनों के आपसी प्रभाव से देश का भला नहीं  हो सकता।"