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Friday, February 26, 2021

Bhonchal; भूकंप ;بھونچال ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

Bhonchal; भूकंप ;بھونچال 
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

भूकंप 

सोते जागते वह अपनी बीवी से कहता, "आई लव यू डार्लिंग।"
जबसे मोबाइल का अविष्कार हुआ वह ऑफिस से भी कई बार कॉल करके यही शब्द दुहराता। 
दूसरी तरफ से उत्तर मिलता, "आई लव यू टू।"
एक रात थका मांदा वह घर आया, सोने  से पहले यही शब्द दुहराये और फिर नींद की आगोश में चला गया। 
लगभग आधी रात के समय ज़ोरदार भूकंप आया और उनकी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह टूटने बिखरने लगी। होश खो कर वह अँधाधुंध सात सीढ़ियां उतरा और ज़मीन पर पुहंच कर ही दम लिया। वहां  उसे अपनी बीवी का ख्याल आया। इसलिए चिल्ला-चिल्ला कर बचाव दल से एक-एक करके अनुरोध करने लगा कि कोई उसकी बीवी को ढूंढ कर नीचे उतार लाये। वह स्वयं ऊपर जाने की हिम्मत बटोर नहीं पा रहा था।         

 

Sunday, May 13, 2012

Zalzala, ز لزلہ : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Katha; افسانچہ

Zalzala, ز لزلہ  : (Urdu/Hindi)
 Afsancha; Laghu Katha; افسانچہ  
भूकंप 


                                            भूकंप
 
कुछ  वर्ष  पहले जब  गणतंत्र  दिवस  के दिन  गुजरात  में  ज़ोरदार  भूकंप आया , कई शहर नष्ट हो गए।   बीसियों  लोग मारे गए , सेंकडों  लोग  लापता हो गए  और लाखों लोगों  के  मकान नष्ट हो गए। कई  इलाके तो  बाहर  की दुनिया से पूरी तरह कट गए।  संचार-व्यवस्था  फिर से बहाल  होने में भी चार पांच  दिन  लग  गए।
अपने स्टाफ  की हिम्मत  बढ़ाने के लिए  मैं तीसरे दिन  ही  कच्छ के ज़िला  बुझ  पहुँच  गया। विभागीय  भवन  और स्टाफ  की  हालत देखकर थोडा बहुत संतोष हुआ परन्तु  हर तरफ बच्चों की चीखें , माँ बाप  के बैन  और  विधवाओं की सिसकियाँ  सुनाई दे रही थीं। 
बाज़ार में चलते चलते एक  दुकान  पर नजर पड़ी जहाँ कुछ  ही समय  पहले यज्ञ  का आयोजन हुआ था। अब सामने सड़क  पर हजारों बेघर  गरीबों  को खाना खिलाया जा रहा था। 
मेरी उत्सुकता को भांप कर  मेरे एक  मातहत कर्मचारी  ने खबर दी , " सर , इस  दुकान  का मालिक  बहुत ही  खुश नसीब  साबित  हुआ।  दो दिन के बाद  उस के दो बच्चे  और पत्नी सही सलामत  मलबे में से  निकाले  गए।  यही कारण  है कि  उस ने भगवान्  का धन्यवाद्  देने के लिए यज्ञ  का आयोजन  किया।"
उस की बात सुन कर मुझ से रहा न  गया। बिना  सोचे समझे  मैंने उत्तर दे दिया , " और  जिन  के  बाल बच्चे  मर गए , उन को क्या करना चाहिए ?"
वह मुझे टुक्कर- टुक्कर  देखने  लगा। उस के पास  मेरे प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था।