Tuesday, March 12, 2024
Monday, March 22, 2021
Corruption; भ्रष्टाचार; کرپشن ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Corruption; भ्रष्टाचार; کرپشن
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
भ्रष्टाचार
रक्षा करने वालों ने रक्षा करने के बदले उसकी अपने ही घर में हत्या कर दी। प्रधान मंत्री होने के नाते सारा देश शोक में डूब गया। मैं भी सोच विचार में तल्लीन हो गया। मुझे उसका वह साक्षात्कार याद आ रहा था जिस में उसने महाराष्ट्र मुख्य मंत्री को बचाने के लिए कहा था।
"करप्शन इज़ ए ग्लोबल फेनोमेनन यानि भ्रष्टाचार एक वैश्विक परिघटना है।"
उसी दिन मुझे शंका हुई थी कि वह स्वयं ही अपना समाधि-लेख लिख रही है। राष्ट्र तो क्या घर में भी माता-पिता अपने बच्चों को यह कभी नहीं कहते कि बेईमानी और भ्रष्टाचार ज़िन्दगी का सही रास्ता है हालाँकि अक्सर लोग हर रोज़ इसी रास्ते पर चलते हैं।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद सिख उस से रुष्ट हो चुके थे और चंद लोग उस की जान के पीछे पड़े हुए थे। किसी ने कुछ सीनियर अफसरों को रिश्वत देकर उन्हें खरीद लिया और उसके सिक्योरिटी स्टाफ में सेंध लगायी। वह दो बागी सिख सिपाहियों को उसके घर के अंदर एक साथ पोस्टिंग कराने में कामयाब होगए जिन्हों ने यह घिनोना काम आसानी से कर दिया।
मैंने जब यह समाचार पढ़ा मेरे अंदर से आवाज़ आयी।
"अगर भ्रष्टाचार वैश्विक प्रकरण है तो यह हमारे सीने में भी गुल खिला सकता है।
Sunday, March 21, 2021
Ek Aur Inquilab; एक और इन्क्विलाब; ایک اور انقلاب ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Ek Aur Inquilab;एक और इन्क्विलाब;
ایک اور انقلاب
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
एक और इन्क्विलाब
तहरीक ज़ोर पकड़ती जा रही थी। नेता ने जनता की दुखती रग पर हाथ रख कर ऐलान कर दिया "भाइयो और बहनों! सर्कार ने कंपनियों के साथ साज़ बाज़ करके बिजली की दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की है। जनता पहले ही से महंगाई की मार झेल रही है। प्याज़, टमाटर, सब्ज़ी सब की कीमतें आसमान को छू रही हैं। बिजली महंगी,पानी महंगा, खाने पीने की चीज़ें महंगी, पेट्रोल, डीज़ल और केरोसिन महंगा, सब कुछ महंगा हो गया है। केवल इंसान सस्ता हो गया है। और सत्ता में बैठे लोग हैं कि घोटालों पर घोटाले किये जा रहे हैं। हम ने कई बार गोहार लगाई मगर उनके कान पर जूँ तक न रेंगी। अब लगता है कि हमें ही कुछ करना पड़ेगा।
"ज़रूर, ज़रूर हमें ही कुछ करना पड़ेगा। हम सब तैयार हैं।" दर्शकों ने अपनी प्रतिक्रिया प्रकट की।
"भाइयो और बहनो। आज के बाद कोई भी आदमी बिजली का बिल नहीं भरेगा जब तक सर्कार दाम आधे न कर दे।"
"इन्किलाब ज़िंदा बाद. ..."भीड़ में से नारे बुलंद होते गए और थोड़ी देर के बाद लोग तितर बितर हो गए।
महीने भर के बाद बिजली के कर्मचारियों ने गरीब कॉलोनियों में बिजली के कनेक्शन काटना शरू कर दिया। कॉलोनियों में हर तरफ अफरातफरी मच गयी। इस लिए दोबारा जलसे का आयोजन किया गया। नेता फिर से गरजने लगा, "भाइयो और बहनो ! हमारे घरों में अँधेरा छा गया है। सर्कार टस से मस नहीं हो रही है। आखिर कब तक हम सर्कार की उपेक्षा बरदाश्त करेंगे। समय आगया है कि इनको सबक़ सिखाया जाये। यह सब चोर और लुटेरे हैं। कंपनियों के साथ इनकी मिली भुगत है ये कंपनी वाले हमारा खून चूस कर करोड़ों के मालिक बन चुके हैं जबकि ग़रीबों के घरों में बिजली नहीं है। चूल्हे आग ना घड़े पानी। पानी के बदले आंसू बह रहे हैं। हमने फैसला कर लिया है कि हम सब कॉलोनियों में जाकर खुद ही बिजली के कनेक्शन जोड़ लेंगे और देखेंगे कि कौन माई का लाल हमें रोकेगा।
फिर लोग ग़रीब कॉलोनियों में खम्बों पर चढ़ कर बिजली के कनेक्शन जोड़ने लगे। क़ानून की धज्जियां उड़ाई गई। सर्कार तमाशाई बनकर देखती रही क्यूंकि कुछ महीनों के बाद चुनाव के दौरान इन्हीं बस्तियों में वोट मांगने जाना था।
चुनाव के बाद इन्किलाब आया। अराजकता का हामी नेता क़ानून तोड़ने वाले संगी साथियों समेत विधान सभा की कुर्सियों पर बिराजमान होकर नए क़ानून बनाने लगा।
नए क़ानून। नए अधिनियम। लेकिन फिर भी अव्यवस्था बरक़रार थी।
एक बूढ़ा मज़लूम शहरी, जिसने आज़ादी से पहले कई हसीन सपने देखे थे, अब इस तथाकथित लोकशाही से ही निराश हुआ। वह अपने दिल में सोचने लगा, "इस देश का तो भगवान् ही रक्षक है। ना जाने कब फिर कोई नेता इन नए क़ानूनों और अधिनियमों की धज्जियाँ उड़ाने के लिए सामने आये गा।
Saturday, March 20, 2021
Muthi Bhar Ret: مٹھی بھر ریت ;मुठी भर रेत ; (Urdu/English); Mini-story;افسانچہ;लघु कहानी
Muthi Bhar Ret: مٹھی بھر ریت ;मुठी भर रेत
Mini-story;افسانچہ;लघु कहानी
Kal mujhe na jaane kya soojhi ki samander ke saahil par tahalte tahlte achanak ruk gaya. Joote Utare aur wahin par baith gayaTafreehan main ne kai baar apne haath mein rait uthai aur usse mehfooz karne ke liye muthi band kar li. Lekin rait thi ki ungliyon ke beech mein se phisalti chali gayi aur baar baar meri muthi khali hoti gayi.
Mere peeche chand ghair mulki sayah apne uryan jasmon mein sooraj ki tawanayi qaid karne ki koshish kar rahe the jab ki saamne chote chote bache football khelne mein mashgool the. Samander ki maujein musalsal sahil ke saath sar patak rahi thein.
Itne mein aik choti si masoom ladki bheek mangne ki khatir mere saamne khadi ho gayi aur apne haath phailane lagi. Main jhallahat mein us par baras padha," Jao yahan se , tum aur koi kaam kyun nahi karti. Tum logon ko bheek mangne ke siwa aur kuch nahi aata hai."
Dafa'atan mujhe yaad aya ki company mein chatai ki wajah se guzashta do saal se main khud bhi berozgar hoon. Postgraduate hone ke bawajood koi kaam nahi milta. Nikhat bhi isi wajah se mujhe chod kar chali gayi thi.
Mujhe aisa laga jaise woh ladki keh rahi ho, "Kaam nahi milta hai na mile, bheek to maang sakte ho."
(Tafreehan;Just for leisure, mehfooz; secure, ghairmulki sayah; foreign tourists,Uryan ;naked, tawanayi;energy,mashgool; busy,jhallaht; annoyance, dafa'atan;Suddenly
Pehla Clone; पहला क्लोन; پہلا کلون ;Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Friday, March 19, 2021
Insaaf; न्याय; انصاف ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Sandooqcha; संदूकचा; صندوقچہ ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Thursday, March 18, 2021
Lakshmi Ka Swagat; लक्ष्मी का स्वागत; لکشمی کا سواگت ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Science Aur Mazhab; विज्ञान और धर्म ; سائنس اور مذہب ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Wednesday, March 17, 2021
Talash Us Lams Ki; तलाश उस स्पर्श की; تلاش اس لمس کی ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Dak Khane Ki Mulazmat;डाक खाने की नौकरी; ڈاک خانے کی ملازمت ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Tuesday, March 16, 2021
Jannat; स्वर्ग; جنّت; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Kis Ko Dosh Dun!; किस को दोष दूँ !;!کس کو دوش دوں ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Monday, March 15, 2021
Sagon Ka Ped; सागौन का पेड़; ساگون کا پیڑ ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Parda Fash;पर्दा फाश;پردہ فاش ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Parda Fash;पर्दा फाश;پردہ فاش
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ
Sunday, March 14, 2021
Sawaal; سوال ; सवाल; Mini-Story; افسانچہ; लघु कहानी
Sawaal
Train mein safar ke dauraan aik musaafir doosre musaafir ko yeh samjha raha tha ki nafarmaani ke sabab Adam ko bahisht se nikala gaya tha.Apni dharti se ukhdi hui, diabetes se murjhayi hui, aik Kashmiri Panditani, jo apni umar se kahin zyada boodhi lag rahi thi, apne pati Naath ji se baar baar aik hi sawaal pooch rahi thi,
"Mana Adam se Gunah sarzad hua tha lekin hum kis gunah ki paadash mein apni jannat se mehroom kar diye gaye."