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Monday, February 6, 2012

Neelami, نیلامی : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ


Neelami, نیلامی : (Urdu/Hindi)
 Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ 

बचपन में राजा हरीश चंदर की कहानी पढ़ी थी। बेचारे ने पेट की खातिर चौराहे पर सरेआम अपनी पत्नी का नीलम किया था मगर सचाई का दामन कभी नहीं छोड़ा. गरीब औरत किसी दौलत वाले के हाथों बिक गयी। 

युसूफ की बात कुछ अलग नहीं थी. भाईयों ने गहरे गढ्ढे के अन्दर धकेल दिया, राह पर चलते मुसाफिरों ने बचा लिय और दास बना कर नीलाम कर दिया. नीलाम होते होते वह अंततः मिस्र के शाही दरबार में पहुँच गया जहाँ बे यार व मददगार युसूफ की सुंदरता काम आई। ज़ुलेख़ा की कृपा दृष्टि उसपर पड़ी। लेकिन सभी दासों का नसीब ऐसा नहीं होता है। अक्सर ग़ुलाम कोख से कब्र तक ग़ुलामी की जंजीरों में बंधे रहते हैं। 
पिछले तीन दिनों से एयर कंडिशंड हॉल में करोड़पति क्रिकेट खिलाडियों की नीलामी हो रही थी. कोई छे करोड़ में बिक गया और कोई सात करोड़ में।  

सिराजुद्दीन ने भी टी वी पर पूरा तमाशा देख लिया और फिर आई पी एल का उत्सुकता से इंतज़ार करने लगा. आज दफ्तर बंद होते ही उसने स्कूटर स्टार्ट की और सीधे पेट्रोल पम्प पर रोक ली। तीन सौ के बदले आज तीन सौ पचास निकालने पड़े. फिर घर के लिए सब्जी भी तो खरीदनी थी. जिस भी सब्जी का नाम लिया, कीमत दुगनी हो चुकी थी। वह दिल थाम कर रह गया। हर दिन के मुकाबले में आधी ही सब्जी खरीद पाया। दिल में अलबता यह संतोष था कि दूसरे महीने से आई पी एल के मैच शरू होने वाले हैं।