Monday, January 30, 2012

Pani to Pila do Yaar , پانی تو پلا دے یار : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ

Pani to Pila do Yaar ، پانی تو پلا دے یار 
(Urdu/Hindi)
 Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ   


पानी तो पिला दो यार 

कोई चालीस साल पुरानी बात है। तब ना तो कश्मीर में आतंकवाद था और ना ही बंदूक का चलन किन्तु किसी ना किसी बहाने प्रदर्शन होते रहते थे।  कभी अमेरिका के खिलाफ तो कभी इस्राईल के खिलाफ, कभी भुट्टो के हक़ में और कभी उसको फँसी देने वाले ज़ियाउलहक़ के समर्थन में, कभी शेख़ अब्दुल्लाह की नज़रबंदी पर और कभी शिया संप्रदाय के मुहर्रम जलूस निकालने पर।   

उस समय की सरकार जल्दी से सी आर पी ऍफ़  को तैनात करके ला एंड आर्डर बहाल कर लेती थी। सामान्यतया लाठियों से काम चल जाता था फिर भी कभी-कभी आंसों लाने वाली गैस इस्तेमाल होती थी। 

एक दिन सी आर पी ऍफ़ का एक जवान भटकता हुआ एक अंधी गली में जा फंसा। बहुत कोशिश के बावजूद उसे रास्ता नहीं सूझ रहा था।  प्रदर्शन करने वालों की एक टोली जो इस तरफ निकली उसे देख कर क्रोधित  हो गयी।  लगे उस को थपड और घूंसे मारने। फिर जूते, चप्पल और कांगडियां, जो हाथ में आया उसपर फेंक दिये। जवान बे होश हो गया। 

मारने वालों में से एक आदमी की नज़र उसपर पडी और वह चिल्लाया, "अरे रुक जाओ, रुक जाओ, यह आदमी मर जाए गा। कोई इसे पानी तो पिला दो यार। फिर वह स्वयं दौड़ कर एक बोतल में पानी ले आया और सिपाही को पिलाने लगा जब तक वह होश में नहीं आया। फिर उसको सहारा देकर खड़ा किया गया और दो तीन आदमी उसके साथ जा कर उसे सड़क पर छोड़ आये। 

Friday, January 27, 2012

Gumshuda ki Talash, گمشدہ کی تلاش : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ


Gumshuda ki Talash، گمشدہ کی تلاش :
(Urdu/Hindi)
 Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ 

गुमशुदा की तलाश 

इन्टरनेट पर बनाये एक दोस्त के साथ कैलाश अपना दुःख बाँटना चाहता था। इस लिए इ-मेल  भेज दी."मेरे साथ एक बढ़ा हादसा पेश आया है. मेरी महबूबा सरोजनी चड़ा को उसके सुसराल वालों ने दहेज की खातिर घर से निकाल दिया और अब मालूम नहीं वह कहाँ है. इसलिए मैं बहुत परेशां हूँ।"

जवाब मिला. "सरोजनी चड़ा कहाँ की रहने वाली थी और उस के पति का क्या नाम था?"

वह अम्बाला की रहने वाली थी और दिल्ली में सतीश कुमार से ब्याही गयी थी।" एक और व्याख्यात्मक  इ-मेल  भेज दी गयी।  

उस के जवाब में जो इ-मेल प्राप्त हुई वह यूँ है."कैलाश जी, सरोजनी मेरी भाभी थी. वह अपने पति के साथ कनाडा  में रहती थी. वह निकाली नहीं गयी बल्कि अपने किसी आशिक के साथ भाग गयी. कनाडा की पुलिस अब तक उसका पता लगाने में नाकाम रही है."

                        
























Sunday, January 22, 2012

Chamatkar, چمتکار : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ

Chamatkar ، چمتکار : (Urdu/Hindi)
Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ 


                        


                                                                  चमत्कार

"पापा आज एक चमत्कार हुआ।" एक नास्तिक बेटे ने अपने आस्तिक पिता पर चोट करने के उद्देश्य से कहा। "एक अमरीकी वैज्ञानिक ने टेस्ट-ट्यूब  में बच्चा पैदा कर लिया।"

"वाह रे भगवान, तेरे जलवे भी हज़ार। कब क्या रूप धारण करे, किसे मालूम।" फिर वह अपने बेटे की ओर संभोदित हुआ। "बेटे यह सब भगवान की माया है, तुम नहीं समझ पाओ गे। "


Friday, January 20, 2012

Shanakht, شناخت : (Urdu/English); Afsancha; افسانچہ ; Ministory

 Shanakht،شناخت :(Urdu/English)
 Afsancha; افسانچہ ; Ministory

Shanakht
Us ke Pita ji bahut barhe film adaakar the.Kayi doston ne usse mashwara diya ki woh acting ke baghair aur koi line ikhtiyar karle magar woh na mana. Baap ne bahut koshish ki ki beta bhi usi ki tarah naam kamaye magar aik ke baad aik filmein pit gayi aur woh gumnami ki bhool bhulayun mein bhatakne laga. 

Dheere dheere us ko yeh ehsaas ho gaya ki bargad ke neeche koi aur perh nahi panap sakta magar ab dair ho chuki thi.

Bhala ho Television ka, ab woh reality shows mein judge ka kaam karta hai aur funkaron ki acting, mauseequi aur dance par na sirf apne tasurat pesh karta hai balki in mozooat par barhe barhe lecture bhi deta hai.

(Shanakht-Identity; adaakar-actor; mashwara- suggestion; ikhtiyar kare-adopt; panapna-grow; mauseequi-music; mozooat-subjects) 

























Sunday, January 15, 2012

Friday, January 13, 2012

Biwi ki Kamai, بیوی کی کمائی : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ

Biwi Ki Kamayi, بیوی کی کمائی :
(Urdu/Hindi)
 Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ 

बीवी की कमाई 
एक पत्र का उद्धरण: "तुम ने उम्र भर शराब पीने और रंडी बाज़ी के सिवा और कुछ भी नहीं किया। ना जाने तुम्हें परजीवी जीवन बसर करने में शर्म क्यूँ नहीं आती?"

जवाबी पत्र का उद्धरण; "यार बीवी की कमाई पर जीना भी एक कला है और यह सब लोगों के बस की बात नहीं है।" 



                                                         




















Wednesday, January 11, 2012

Lakshmi Ka Swagat, لکشمی کا سواگت : (Urdu/Hindi); Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ

Lakshmi Ka Swagat, لکشمی کا سواگت :
(Urdu/Hindi) 
 Afsancha; Laghu Kahani; افسانچہ 
  लक्ष्मी का स्वागत 

"लक्ष्मी आई है बेटा लक्ष्मी। हमारे घर लक्ष्मी आई है।" बहु के घर में क़दम रखते ही विद्यासागर के पिता जी ख़ुशी से झूम उठे। 

बहु उम्मीद से ज़्यादा दहेज लेकर आई थी फिर भी विद्यासागर को शांति नहीं मिल रही थी। वह सरस्वती की तलाश में मारा मारा फिर रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि हर बहु लक्ष्मी का रूप ही क्यों धारण करती है, सरस्वती का क्यों नहीं? 

सरस्वती की तलाश में विद्यासागर दर-दर भटकता रहा। अंतत: उसने घर से बहुत दूर एक आश्रम में शरण ली और लक्ष्मी को हमेशा के लिए भूल गया।  

                  
                           


















Monday, January 9, 2012

Thais, ٹھیس : (Urdu/Hindi); Afsancha; افسانچہ ; Ministory

Thais, ٹھیس : (Urdu/Hindi)
 Afsancha; افسانچہ ; Ministory

ठेस 

ज्यूँ ही मुझे पहली बार दिल्ली में नौकरी मिली मैंने मोती नगर में एक कमरा किराये पर ले लिया। मकान मालकिन चालीस पैंतालीस साल की एक खूबसूरत औरत थी जो उस उम्र में भी बन संवर कर रहती थी। मैं हमेशा  उसको माँ की तरह इज्ज़त करता था यहाँ तक कि उस घर को अपना घर समझने लगा था। चूंकि वह पाकिस्तान से पलायन करके आई थी इसलिए कभी कभार अपने अतीत को कुरेदती रहती और दुखद तथा उदास करने वाली कहानियां सुनाती थी। 
एक रोज़ वह बेड पर लेटी अपना एल्बम देख रही थी कि मैं कमरे में दाखिल हुआ और उसके सामने कुर्सी पर बैठ गया। उसके चेहरे की उद्दीप्ति से लग रहा था कि वह अपनी जवानी की कोई हसीन घटना याद कर रही थी। मुझे एल्बम थमाते हुए वह बोली, "अरुण देखो तो कितनी सुंदर थी मैं जवानी के दिनों में।"
"हाँ आंटी आप तो सुचमुच बहुत खूबसूरत थीं" मैंने हाँ में हाँ मिलाई।" 
"बेटे जब हम पाकिस्तान से पलायन करके आये थे तो मेरे भाई हरीश,जो फिल्म प्रोडूसर था,ने मुझे मुंबई बुलाया और अपनी नई फिल्म 'हीराभाई'  के लिए हेरोइन का रोल ऑफर किया था।"
" बड़ी अच्छी ऑफर थी, फिर आपने क्यों ठुकराई।"
"इसी बात पर तो अबतक पछता रही हूँ। गई होती तो ऐश की ज़िन्दगी बसर कर लेती। जुबैदा एक रात के बीस हज़ार रुपए चार्ज करती है और बीना कुमारी की तो बात ही नहीं वह तो रात भर के चालीस हज़ार लेती है। मेरी   रेट तो कम से कम पचास हज़ार होती।"
मैं विस्मित होकर उसको बहुत देर तक देखता रहा। मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था। 




 

Wednesday, January 4, 2012

Vote, ووٹ ,वोट : (Urdu/Hindi); Afsancha; افسانچہ ; लघु कथा

 Vote: ووٹ : वोट      
 Afsancha; افسانچہ ; लघु कथा  

वोट 

प्रगति विहार हॉस्टल की बालकोनी से मैं नीचे मैदान की चहल-पहल देख रहा था। इतने में एक व्यक्ति ने सामने सडक पर खड़ा होकर मुझे संबोधित किया।"भाई साहब आपने अभी तक अपना वोट नहीं डाला, चार बज चुके हैं।"

मैंने क्षमा मांगते हुए कहा,"मैंने कश्मीर के चुनाओं में अपनी आँखों से धांधलियां होते देखी हैं जिसे मेरे विश्वास को आघात पहुंचा है। इसलिए अब मैं वोट नहीं डालता।"

"आप इतने बढ़े अफसर होकर भी ऐसी बातें करते हैं। वोट ढालना तो हमारा कर्तव्य बनता है। अगर हम जैसे शिक्षित लोग ही अपने कर्तव्य से मुकर जाएँ तो देश का क्या होगा? मेरी बात मानिए और अपना वोट डाल कर आईये."

"मैंने देखा है की मेरे वोट की कोई कीमत ही नहीं है। राजनीतिज्ञ लोग  सरेआम वोट खरीदते हैं, खुले आम सौदे बाज़ी करते हैं, फिर मेरी अंतरात्मा की क्या उपयोगिता रह जाती है। मैं अपनी ऊर्जा व्यर्थ में बर्बाद  नहीं करना चाहता।"

छे बजे वोटिंग ख़त्म हो गई। मैं बालकोनी में उस समय भी खड़ा तमाशा देख रहा था। वही व्यक्ति नीचे सड़क पर फिर दिखाई दिया। उसने वहीं से चिल्लाया,"भाई साहब हम अभी तक आपका इंतज़ार कर रहे थे। आप आए   नहीं इसलिए हमने आप का वोट डलवा दिया।"

मैंने कोई उत्तर नहीं दिया, केवल मुस्कराता रहा। मुझे समझ नहीं आरहा था की जीत किस की हुई।  






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