Wednesday, January 4, 2012

Vote, ووٹ ,वोट : (Urdu/Hindi); Afsancha; افسانچہ ; लघु कथा

 Vote: ووٹ : वोट      
 Afsancha; افسانچہ ; लघु कथा  

वोट 

प्रगति विहार हॉस्टल की बालकोनी से मैं नीचे मैदान की चहल-पहल देख रहा था। इतने में एक व्यक्ति ने सामने सडक पर खड़ा होकर मुझे संबोधित किया।"भाई साहब आपने अभी तक अपना वोट नहीं डाला, चार बज चुके हैं।"

मैंने क्षमा मांगते हुए कहा,"मैंने कश्मीर के चुनाओं में अपनी आँखों से धांधलियां होते देखी हैं जिसे मेरे विश्वास को आघात पहुंचा है। इसलिए अब मैं वोट नहीं डालता।"

"आप इतने बढ़े अफसर होकर भी ऐसी बातें करते हैं। वोट ढालना तो हमारा कर्तव्य बनता है। अगर हम जैसे शिक्षित लोग ही अपने कर्तव्य से मुकर जाएँ तो देश का क्या होगा? मेरी बात मानिए और अपना वोट डाल कर आईये."

"मैंने देखा है की मेरे वोट की कोई कीमत ही नहीं है। राजनीतिज्ञ लोग  सरेआम वोट खरीदते हैं, खुले आम सौदे बाज़ी करते हैं, फिर मेरी अंतरात्मा की क्या उपयोगिता रह जाती है। मैं अपनी ऊर्जा व्यर्थ में बर्बाद  नहीं करना चाहता।"

छे बजे वोटिंग ख़त्म हो गई। मैं बालकोनी में उस समय भी खड़ा तमाशा देख रहा था। वही व्यक्ति नीचे सड़क पर फिर दिखाई दिया। उसने वहीं से चिल्लाया,"भाई साहब हम अभी तक आपका इंतज़ार कर रहे थे। आप आए   नहीं इसलिए हमने आप का वोट डलवा दिया।"

मैंने कोई उत्तर नहीं दिया, केवल मुस्कराता रहा। मुझे समझ नहीं आरहा था की जीत किस की हुई।  






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2 comments:

  1. In a shortest story we reflect our experience and deliver our thought to the readers in a easy way as we experience in this fiction.It's expression is the actually expression of your real thoughts.

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    1. arshad neyaz Thanks for the comments and sorry for the delay in response. U r rt. However experiences are always prejudiced due to the subjective element and as far as imagery is concerned it can be realistic or unrealistic. Even Thoughts are coloured due to the family background, called Sanskara in Sanskrit, education you receive, the companyu of people you keep and your own genetic make up. Any way till the reader is able to appreciate the viewpoint of an author and enjoy the story I think the job is done.

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