Wednesday, February 24, 2021

Chowkidari; चौकीदारी; چوکیداری ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

Chowkidari; चौकीदारी; چوکیداری 
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

चौकीदारी 

मेरे पास फाइल आई तो सबसे ऊपर अन्वेषण रिपोर्ट थी। रिपोर्ट एक डाकखाने में सेंधमारी के बारे में थी। तिजोरी से तीस हज़ार और कुछ दस्तावेज़ ग़ायब थे। ऍफ़ आई आर दर्ज की गयी थी मगर पुलिस ने 'अन ट्रेसड' कह कर केस बंद कर दिया।  
विभागीय जाँच में भी चोर का कोई पता नहीं चला अलबत्ता यह कहा गया कि चोरी डाकपाल की लापरवाही के कारण हुई। वह अगर शनिवार को डाकखाना बंद करने के बाद अपने बाल-बच्चों से मिलने बीस किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव ना गया होता और डाकखाने के ऊपर अलॉट हुए मकान में मौजूद होता तो यह चोरी असंभव थी। 
वास्तव में जाँच करने वाले ने डाकपाल को क़ुरबानी का बकरा बना लिया था ताकि उससे कम से कम वह धनराशि वसूल की जाए जो तिजोरी से ग़ायब हो चुकी थी। इसलिए उसने तीस हज़ार की रक़म पोस्टमॉस्टर से वसूल करने की सिफारिश की थी। 
रिपोर्ट पढ़कर मुझे हंसी आ गई। वह अकेला डाकपाल नहीं था जिसके साथ यह नाइंसाफ़ी हो रही थी  बल्कि विभाग में अक्सर ऐसे केसिज़ होते हैं जहाँ बेक़सूर लोगों से अनावश्यक रूप से रक़म वसूल की जाती है। पोस्टमॉस्टर ना हुआ बल्कि चौकीदार होगया। मैंने फाइल पर अपना नोट यूँ लिखा:
"अंग्रेज़ों के ज़माने में पोस्टमॉस्टर को संलग्न मकान इस लिए नहीं दिया जाता था कि वह डाकखाने की चौकीदारी करे बल्कि इसलिए दिया जाता था ताकि वह चौबीस घंटे सर्कार के आवश्यक तार ले सके और उन्हें शीघ्र बाँट सके। उन दिनों तार ही संचार का सबसे तेज़ माध्यम होता था। स्वतंत्रता के बाद हम ने डाकपालों को चौकीदार बना लिया है। मैं नहीं समझता कि पोस्टमॉस्टर के कर्तव्य में यह कहीं दर्ज है कि वह डाक खाने की चौकीदारी भी करे। इसलिए मैं इस सिफारिश को अस्वीकार करता हूँ।"
मातहत मुलाज़िम मेरा हुक्म पढ़कर आश्चर्य में पड़ गए क्यूंकि इससे पहले 
किसी अफसर ने इस मानसिक लक्ष्मण रेखा को पार करने की कोशिश नहीं  की थी।     


 

5 comments:

  1. Aslamuallikum sir mny ap k Khuch afsany prhy hain dill mn utr gay sir mujy ap k afsanun ki books chahiy kia mil skti hain

    ReplyDelete
    Replies
    1. Agar aap chahein to main aap ko apni kitabon ki pdf copy bhej sakta hoon. Aap mujhe email par raabta karein. Mera email id hai: deepak.budki@gmail.com

      Delete
  2. Sir mujy ap afsanu pay ap se Khuch mazeed pochna hy mn ap se contect kase krun

    ReplyDelete
    Replies
    1. Adaab Zahida ji. Aap mujh se whatsapp par contact kar sakti hain. Mera whatsapp number hai +91 9868271199. Main facebook par bhi available hoon.

      Delete