Friday, March 12, 2021

Intekhab; चुनाव; انتخاب ; Ministory;लघु कहानी;افسانچہ

Intekhab; चुनाव; انتخاب 
Ministory;लघु कहानी;افسانچہ 

चुनाव 

एम् एस सी में फर्स्ट डिवीज़न न मिलने के कारण मैंने नए सिरे से अंग्रेजी में एम् ए करने की ठान ली। मैंने सुना था कि इसके लिए बी एस सी में अंग्रेजी विषय में ऑनर्स होना आवश्यक है। 
संयोग से एक दिन बस में यूनिवर्सिटी के हेड ऑफ़ द इंग्लिश डिपार्टमेंट से भेंट हुई।  मैंने मौक़ा ग़नीमत जानकर उनसे पूछ लिया, "सर मैं ने वनस्पति विज्ञान में एम् एस सी की है मगर अब अंग्रेजी में एम् ए करना चाहता हूँ। क्या मैं ऑनर्स के बग़ैर एम् ए इंग्लिश में सीधे प्रवेश ले सकता हूँ?"
वह मुझे घूरने लगा और फिर मुझे संबोधित किया, "तुम तो साइंस के विद्यार्थी हो फिर आर्ट्स में क्यों आना चाहते हो?"
मैंने उत्तर दिया, "सर हमारे देश में जूते के सांचे से चप्पल निकालने की कोशिश की जाती है। वास्तव में साइंस स्ट्रीम का चयन मेरे माता पिता ने किया था। रुचि न होने के कारण ना डॉक्टर बन सका और ना ही इंजीनियर। अब तो परिणाम देखकर साइंस टीचर बनने की भी उम्मीद नहीं। इसलिए मैं चाहता हूँ कि अपनी पसंद के मुताबिक़ आगे शिक्षा हासिल करूँ।"
प्रोफेसर साहब यह सुनकर अचंबित हो गए और बोले, "तुम सही कहते हो। हमारे देश में अधिकांश बच्चों का यही हाल है। वह ना शिक्षा अपनी मर्ज़ी से पा सकते हैं और ना ही जीवनसाथी।        


 

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