Wednesday, April 8, 2020

Qarzdar:ऋणग्रस्त;قرض دار ; Ministory ; लघु कहानी ;افسانچہ

 Qarzdar:ऋणग्रस्त;قرض دار 
 Ministory ; लघु कहानी ;افسانچہ 

ऋणग्रस्त

मेरी समझ में यह बात कभी नहीं आई कि मैं अपने माता-पिता, विशेष रूप से माता का ऋणी क्यूँकर हो गया जबकि उन्होंने मेरी सहमति के बग़ैर ही मुझे इस नरक जैसी दुनिया में लाकर पटक दिया? उन्हों ने ऐसा क्या काम किया जिसके कारण मैं उनका ऋणी ठहरा?  इसलिए मैंने बहुत समय पहले निर्णय लिया कि मैं स्वयं ऐसी ग़लती कभी नहीं करूँगा। 
तथापि अपने एकाकीपन से तंग आकर मैं भी वही भारी भूल कर बैठा जो मेरे माता-पिता ने की थी। 
अब मेरा बेटा भी प्रश्नात्मक नज़रों से मुझे घूरता रहता है।  

 


No comments:

Post a Comment