Thursday, April 23, 2020

Liaison Officer:संपर्क अधिकारी ;لیازن افسر : Afsancha;लघु कहानी;افسانچہ

Liaison Officer:संपर्क अधिकारी ;لیازن افسر 
 Afsancha;लघु कहानी;افسانچہ 

संपर्क अधिकारी 
स्वामीजी से मेरा परिचय मकान मालिक गोविन्द गोस्वामी ने कराया। वह उसका छोटा भाई था। अर्धांगिनी के स्वर्गवास होने के बाद स्वामीजी ने अपनी बेटी को उसकी नानी के घर छोड़कर सन्यास  लिया था। गोविन्द ने स्वामीजी को बताया कि शिक्षित होने के बावजूद मुझे उपयुक्त नौकरी नहीं मिली है। 
बात चीत के दौरान स्वामीजी ने यह भेद खोला कि उसके शिष्यों में आयात निर्यात से जुड़े कई बड़े अफसर हैं जिनके माध्यम से उसने अपने कई व्यापारी शिष्यों को आयात निर्यात के लाइसेंस दिलवाये। अब वह इस फ़िक्र में है कि बेटी के भविष्य  के लिए स्वयं एक एक्सपोर्ट हाउस खोल ले जिसके लिए उसे एक संपर्क अधिकारी की आवश्यकता होगी। स्वामीजी के अनुसार मुझसे बेहतर बुद्धिमान और शिक्षित युवक कहाँ मिले गा।
मैं उसके प्रस्ताव से तुरंत प्रसन्न हुआ परन्तु थोड़ी देर के बाद मुझे ख्याल आया कि कहीं स्वामीजी मुझे चारा तो नहीं डाल रहा है और बाद में मुझे अपनी बेटी से विवाह करने के लिए मजबूर करेगा। ना जाने कैसी होगी.....? बहुत सोच विचार करके मैंने उत्तर दिया। "वास्तव में  स्वामीजी मैं केवल शिक्षक की नौकरी का इच्छुक हूँ। बिज़नेस मैनेजर तो इस समय भी हूँ मगर इसमें मुझे कोई रूचि नहीं है।"   

 

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