Nazar Andaz: نظر انداز
UrduMinistory;लघु कहानी;افسانچہ
उपेक्षित
घर लौटते समय वह बहुत उदास नज़र आ रही थी। कमरे में घुसकर एक बड़े दर्पण के सामने स्वयं को निहारने लगी। फिर अपने पुत्र से संबोधित हुई, "साइमन, क्या मेरा चेहरा बदसूरत नज़र आ रहा है?"
"ओह नो मम्मी, आप ऐसा क्यों सोच रही हैं। बाई गॉड आप तो किसी भी कोण से तीन बच्चों की माँ नहीं लगतीं।"
"साइमन, फिर क्या कारण है कि आज घर लौटते समय बाज़ार में किसी पुरुष ने मेरी तरफ देखा तक नहीं?"
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