Sikke:سکے सिक्के
Afsancha;लघु कहानी ;افسانچہ
सिक्के
एक दरवेश ने मुझसे कहा, "वह जिनके पास सिक्के थे वर्षा में भीग कर दिल बेहला रहे थे, वह जिनके पास रुपए थे वर्षा से बचने के लिए शरण ढूंढ रहे थे और वह जिनके पास कुछ भी ना था इस कोशिश में लगे थे कि कहीं छतों से पानी टपक कर उनके कमरों में ना भर जाए।"
उम्र भर में ईमानदारी से सिक्के जमा करता रहा जबकि मेरे दोस्त बैंकों में रूपए जमा करते रहे और चैन की नींद सोते रहे।
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