Nutfa:نطفہ बीज
افسانچہ ;लघु कहानी ; Ministory.
बीज
उसकी उल्टियों को देख कर विधवा माँ परेशां हो गई। स्वयं को रोक नहीं पाई इसलिए हिम्मत जुटा कर रहस्यमय स्वर में पूछ बैठी, " कंचन, क्या बात है। यह उल्टियां......? तुम्हारे गर्भ में यह किस का बीज है? कौन है वह हरामज़ादा जिसने.....!"
बेटी दुविधा में पड़ गई मगर माँ का आक्रोश देखकर उसे अपना मुंह खोलना ही पड़ा। बड़ी उन्मुक्तता तथा चिंता से रहित स्वर में उत्तर दिया, "मम्मी, पिताजी के देहांत के बाद वह अंकल जो आप के पास रात रात भर रहते हैं, यह शिशु उसी का है। जब आप दिन में काम पर निकल जाती हैं वह यहाँ मेरे पास चला आता है।"
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