Mumaniat: अस्वीकरण;ممانعت
Afsancha;लघु कहानी; افسانچہ
अस्वीकरण
वह बार-बार अपने अतीत को खंगालता रहता।" अगर मेरी माँ ने ज़हर खाने की धमकी ना दी होती मैं इस समय मुंबई में कस्टम्स विभाग में ना जाने किस ऊँचे पद पर विराजमान होता।" मगर अब तो एक युग बीत गया था और वह कड़वी यादें अतीत का हिस्सा बन चुकी थीं।
आज उस का इकलौता बेटा उसके सामने प्रार्थी बना खड़ा है क्यूंकि उसको अमरीका में बहुत अच्छी नौकरी मिल रही है और वह पिता जी से अनुमति चाहता है। पिता की आँखों में आंसुओं का एक सैलाब उमड़ आया, उसने दबे स्वर में इंकार कर दिया। उसे डर है की अगर बेटा चला जाये गा तो बुढ़ापे में वह किस के सहारे जिये गा।
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